DIWALI 2022 : 5 दिवसीय उत्सव के लिए तिथियां

रोशनी का त्योहार दीपावली नजदीक है, बाजारों में लोग खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। सिर्फ दिवाली ही नहीं, बल्कि धनतेरस की भी तैयारी जोरों पर देखी गई।

धनतेरस, जो रोशनी के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है, को नई धातु की वस्तुओं, विशेष रूप से सोने और चांदी जैसी धातुओं को खरीदने और लाने के लिए एक अनुकूल दिन माना जाता है।

यहां दीवाली के पांच दिनों की सूची दी गई है।


धनतेरस या धन त्रयोदशी-

इस साल धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर, रविवार को मनाया जा रहा है। इस साल धनतेरस की तिथि के कारण इसे मनाने को लेकर काफी कंफ्यूजन है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति लाना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन झाड़ू, सोना-चांदी, धनिया आदि चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी आज के ही दिन प्रकट हुई थीं।


नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है

पंचांग के अनुसार, धनतेरस के अगले दिन यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिर के अलावा दक्षिण दिशा, नाली, शौचालय और घर के मुख्य द्वार में दीपक जलाना शुभ होता है। इसे छोटी दीपावली के नाम से भी जानते हैं। हर साल ये दिवाली के एक दिन पहले मनाते हैं लेकिन इस बार दो दिन तिथि होने के कारण 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। नरक चतुर्थी के दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था।

दिवाली

प्रकाश का पर्व दिवाली इस साल कार्तिक अमावस्या यानी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ-साथ मां सरस्वती, भगवान कुबेर की पूजा करने काविधान है। माना जाता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी धरती में ही होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

गोवर्धन पूजा

आमतौर पर दिवाली के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा या अन्नकूटा पूजा की जाती है। लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अन्नकूट पूजा गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण से समर्पित है। इंद्रदेव का घमंड तोड़ने के लिए भगावन कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था। इसी कारण हर साल इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें चने की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है।

भाई दूज

गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली के पर्व का समापन हो जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं। इसके साथ ही कामना करती हैं कि उसके भाई की उम्र लंबी हो और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहे। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। इस बार भैया दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।

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