Surya Grahan 25 October 2022 सूर्य ग्रहण, गर्भवती महिलाएं न करें ये काम |

 


  • What to do in Surya Grahan during pregnancy ?
    [क्या करना चाहिए सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिला को?]

    • गर्भिणी अगर चश्मा लगाती हो और चश्मा लोहे का हो तो उसे ग्रहणकाल तक निकाल देना चाहिए । बालों पर लगी पिन या नकली गहने भी उतार दें ।
    • ग्रहणकाल में गले में तुलसी की माला या चोटी में कुश धारण कर लें ।
    • गर्भवती ग्रहणकाल में अपनी गोद में एक सूखा हुआ छोटा नारियल (श्रीफल) लेकर बैठे और ग्रहण पूर्ण होने पर उस नारियल को नदी अथवा अग्नि में समर्पित कर दे ।
    • ग्रहण से पूर्व देशी गाय के गोबर व तुलसी-पत्तों का रस (रस न मिलने पर तुलसी-अर्क का उपयोग कर सकते हैं) का गोलाई से पेट पर लेप करें । देशी गाय का गोबर न उपलब्ध हो तो गेरू मिट्टी का लेप करें अथवा शुद्ध मिट्टी का ही लेप कर लें । इससे ग्रहणकाल के दुष्प्रभाव से गर्भ की रक्षा होती है ।


    Surya Grahan 2022 in india date and time for pregnancy

    • सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगेगा । यह सूर्यग्रहण खंडग्रास रहेगा जो पूर्व भारत के कुछ भाग छोड़कर पूरे भारत में दिखेगा, जहाँ दिखेगा वहाँ नियम पालनीय होगा ।
    • 25 October 2022 Surya Grahan time for Pregnancy : सूर्य ग्रहण का समय अहमदाबाद शहर के लिए शाम 4:38 से शाम 6:06 बजे तक रहेगा ।


    What not to do during Surya Grahan in Pregnancy [क्या नहीं करे?]

    • ग्रहण के समय गर्भवती चाकू, कैंची, पेन, पेन्सिल जैसी नुकीली चीजों का प्रयोग न करें क्योंकि इससे शिशु के होंठ कटने की सम्भावना होती है ।
    • सूई का उपयोग अत्यंत हानिकारक है, इससे शिशु के हृदय में छिद्र हो जाता है । किसी भी लोहे की वस्तु, दरवाजे की कुंडी आदि को स्पर्श न करें, न खोलें और न ही बंद करें । ग्रहणकाल में सिलाई, बुनाई, सब्जी काटना या घर से बाहर निकलना व यात्रा करना हानिकारक है ।
    • ग्रहण के समय भोजन करने से मधुमेह (डायबिटीज) का रोग हो जाता है या बालक बीमार होता है ।
    • ग्रहणकाल में पानी पीने से गर्भवती स्त्री के शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो जाती है, जिस कारण बालक की त्वचा सूख जाती है ।
    • लघुशंका या शौच जाने से बालक को कब्जियत का रोग होता है ।
    • गर्भवती वज्रासन में न बैठे अन्यथा शिशु के पैर कटे हुए हो सकते हैं । शयन करने से शिशु अंधा या रोगी हो सकता है । ग्रहण काल में बर्तन आदि घिसने से शिशु की पीठ पर काला दाग होता है ।
    • ग्रहण काल के दौरान मोबाइल का उपयोग आंखों के लिए अधिक हानिकारक है । उस दौरान निकले रेडिएशन से गर्भस्थ शिशु के विकास में रुकावट आ सकती है । कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार इसके कारण शिशु तनाव में भी जा सकता है ।

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